धातुरत्नाकरः : श्रीमत्तपोगणगगनांगणगगनमणि - सार्वसार्वज्ञशासनसार्वभ्ॐअ सर्वतन्त्रस्वतन्त्र - सूरिचक्रचक्रवर्ति - भट्टारकाचार्यश्रीमद्विजयनेमिसूरी श्र्वरपट्टालंकार - तिलकमञ्जरीटीकादि विविधनिबन्धनिबन्धनबन्धुर - व्याकरणवाचस्पति - शास्त्रविशारद - कविरत्न - भट्टा रकाचार्यश्रीमद्विजयलावण्यसूरि प्रणीतो / संपादक पन्न्यासप्रवरश्रीदक्षविजयो गणीन्द्रः
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Mysore University Main Library | S425 GAN (Browse shelf (Opens below)) | Available | 118099 |
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